एक दिन खुश, बहुत खुश
दूजे दिन उदास
ना जाने क्यों जिंदगी,
पल-पल लगने लगी कुछ खास
ना किसी से बैर, ना किसी से प्यार
या फिर समझ लो
सभी तो है अपने,
फिर किसी से कैसी तकरार
सच कहे, हमे तो है
अपने सपनो से बहुत प्यार
जो मन करता है वो करते जायेंगे
हो जाता है तो ठीक
नहीं तो फिर से दम लगाएंगे
कहते है
किस्मत का लिखा कौन मिटाए
पर एक बार तो
किस्मत को भी हमसे,
खेलने में मज़ा तो आये
एक दिन खुश
दूजे दिन उदास
ना जाने क्यों जिंदगी,
पल-पल लगने लगी कुछ खास!!!
2 comments:
This is really lovely... I enjoyed reading this one.. thanks for sharing..
Shashi
ॐ नमः शिवाय
Om Namah Shivaya
At Twitter @VerseEveryday
http://shadowdancingwithmind.blogspot.com/2011/07/whispers-memories-to-live-by.html
thank u so much :)
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