Thursday, February 7, 2013

खूबसूरती...






दो चीज़े सदा खूबसूरत नज़र आती हैं मुझे
एक मैं
और दूजी, आईने में दिखती मेरी तस्वीर

जब भी किसी की आँखों के आईनो में खुद को देखती हु
तस्वीर मुझको मेरी ही नज़र आती है

चेहरे उनके बदलते है,
तस्वीर मेरी साथ बदलती है
मैं तो वही रहती हु,
पर उन्हें देखने के मायने मेरे बदल जाते हैं

वे भी वही देखते हैं मुझमे, 
जो वो देखना चाहते हैं

पर तस्वीर तो मेरी जानती है
खूबसूरती आईनो में नहीं
मेरे खुद के देखने के मायनों में है!



2 comments:

www.lifepartneracademy.com said...

Rafi Saheb ne kaha tha: Ye Aankhen meri dil ki zabaan hain. Bahut khubsoorath nazm likha hai Shveta.

Keep writing!.

shvetilak said...

Thank u :) @ Fayaz Pasha n aliasgarmukhtiar mukhtiar

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