Friday, February 1, 2013

इंसान!





अर्थ तू अर्थात तू 
राही तू मंजिल भी तू 
तुझसे ही ये सारी  कायनात 
 देरी है तो बस समझ में आने की 
आखिर
क्या है तू!!!






2 comments:

rachna said...

Great lines ...aapne khud likha ?

shvetilak said...

kya rachna...tum bhi na...ofcourse lines are written by me and u r the one who has made them great :)

एक प्यारा सा बदलाव :) दिन बदला, साल बदला बदला हर मौसम भी, फिर भी अपना प्यार न बदला जबकि बदले कुछ तुम भी और कुछ हम भी ये भी एक सच है इ...